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हम सौ वर्ष कैसे जीवें – ( हिंदी )

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हम सौ वर्ष कैसे जीवें – ( हिंदी )

 

मुख्या कारण स्वास्थ हीन होने का वीर्यनाश है, स्वस्थहीनता  दूसरा कारन व्यायाम का प्रभाव है, स्वास्थ्यहीनता का तीसरा कारन भोजन की। …..

हम स्वास्थ की अन्य छोटी छोटी बातो पर भी तो ध्यान नहीं देते। वायु के महत्व को नहीं समझते , गन्दा अपेय जैसे पानी मिला वैसे ही पि लेते है पेशाब पाखाना कहाँ फिरना चाहिए इसकी भी हममे तमीज नहीं है , कई दिन तक हम रोज स्नान नहीं करते, मैले कपडे हप्तो शरीर में टांगे रहते है , हम उन्हें साफ रहने का कष्ट भी नहीं उठाते।  …

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मनुष्य के शरीर की तुलना एक बड़ी पेचीली मशीन से की जा सकती है।  जिस प्रकार मशीन बहुत से कल और पुर्जो से मिलकर बनती है , उन्ही के एकमात्र काम करने से पूरी मशीन काम करती है , इसी प्रकार हमारा शरीर भिन्न भिन्न अंगो के समूह से बना है – यदि कोई …..

मनुष्य जब प्रकृति के नियमो का उल्लंधन करता है तब भी वह उस पर दया का श्रोत बहाती है।  भीतरी मल को फोड़े, फुन्सी , दस्त कै , पेशाब , पाखाना आदि के द्वारा निकल निकल कर शरीर को स्वस्थ रखती है। यदि इन पदार्थो को भीतर से जबरदस्ती वह न निकले तो मनुष्य बहुत दिन तक जीवित न रह सके।

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