ब्रह्मचर्य के साधन : प्राणायाम (Hindi)
लेखक : स्वामी ओमानंद सरस्वती
प्राणायाम ब्रह्मचर्य का प्राण है। यह सोलह आने सत्य है…
वसु ब्रह्मचारी की आयु 70 या 80 वर्ष तक रहेगी। मध्यम ब्रह्मचारी यह है जो मनुष्य 44 वर्ष का ब्रह्मचारी रह कर वेदाभ्यास करता है, उसके प्राण एंड्रिया अंतः करण और आत्मा बालयुक्त होके… देवता लोग मृत्यु को बिना ब्रह्मचर्य और तप के नहीं जीत पाते और यह इंद्र अर्थ आत्मा अपनी इंद्रिय को निश्चय से सर्वोत्तम ब्रह्मचर्य का पालन करता है।
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