योग चिंतन | Yoga Chintan
आज के सामाजिक य धार्मिक वातवरण पर यदि हम एक दृष्टि डालें व गांवों में काफी संख्या में लोग अब भी जप, सल्ध्या ध्यान में रूचि लेते हैं, समय लगाते हैं । लेकिन इसमें या लो उनको पूर्ण सफलता सिलती नहीं या फिर केवल नाम सात्र के लिए ही उनका संबंध इंस्बर से जुड़ पाता है । उपासना काल में 5-7 घितट भी सत्र केक नहाँ हो पाक्त । विधिल्न प्रकार के बिचार – एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद ौसय-मन में उठे रहते हैं । सन को संयम में रखने के लिए. इसकी खृत्तियों को सोकने के लिए अलग-अलग गुरुजन अपने अपने तरीके से बिन्त-घित्न उपाय बताते रहते हैं।

मन को एकाग्र करने का उपाय क्या है। ध्यान के क्या लाभ हैं । इससे हमारे रारौर य स्वास्थ्य पर कया प्रभाव पढ़ता है । यह सी विफय चेदों और चिलन-चिन्न आर्प ग्रन्थों से घिल जाते है।

इसके अतिरिक्त ओम व गायत्री सच कौ जप विधि एवं ध्यान विधि ४ प्रक्रिया लेखक अपने व्यक्तिगत अध्यास और अनुमति के आधार पर साथकों के लिए प्रस्तुत कर रहा है ताकि सभी भक्त इसका. लाभ उठा सकें।








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