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यह गीत आज सारे संसार की आत्माओं के प्रति है , क्योंकि आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं , जहाँ कहा जाता है कि अनिश्चितता का समय है वा चुनोतियों से भरा समय है ! जब हर व्यक्ति को , किसी-न-किसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है ! उस चुनौती को पार करने के लिए कोई-न-कोई विधि ढूँढ़नी आवश्यक है ! ऐसे समय में श्रीमदभगवदगीता हम सबको जीवन जीने की कला सिखाती है कि , ‘ हमारा जीवन कैसे होना चाहिय ?
महाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं।आज से लगभग 5560 वर्ष पहले गीता जी का ज्ञान बोला गया था।
एक रहसयमय ग्रंथ है जिसमे सभी वेदो और जीवन का सार दिया गया है जो भी मनुस्य साफ़ मन से और ध्यान लगा कर गीता को पढता है उसके सभी दुःख , शोक , भय , चिंताओं को Bhawan Vishnu हर लेते है जो मनुष्य हमेशा Gita को पढता उसमे बताई गयी बातो को अपने जीवन में धारण करता है उसके पिछले जन्म और इस जन्म में किये हुए सभी पाप ख़तम हो जाते है पानी से स्नान करने पर इस देह का मैल साफ होता है लेकिन Geeta रूपी अमृत जल से किया हुआ स्नान आत्मा के मैल को भी खत्म कर देता है जो मनुष्य श्री Krishna Bhawan के मुख से बताई इस गीता को समझ जाता है वो मनुष्य इस संसार में बार बार जन्म लेने के बंधन से मुक्त हो जाता है अर्थात मोक्ष को प्राप्त होता है |
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