हिन्दू मन्दिरों पर बनी मस्जिदें ( Hindi PDF) – PDFPUR
चन्द्रदेव एवं उनके वंशजों ने जिस भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया था, उसी को बाबर ने 1528 में तुड़वाया था (23 मार्च 1528)। बाबर के सेनापति मीरबांकी की | लाख 75 हजार संख्या की मुस्लिम सेना का भीषण विरोध राजा देवी दीन पाण्डे तथा भीटी के महाराज महेताब सिंह ने 17 दिन तक चले युद्ध में किया और मीरबांकी के लगभग 1 लाख 30 हजार सैनिक मार डाले गए। 1526 से 1530 तक चार वर्ष के बाबर काल में हिन्दुओं ने चार भीषण युद्ध लड़े जिनमें | लाख 73 हजार हिन्दू सैनिकों का बलिदान हुआ।
बाबर के बाद हुमायूँ के समय 1530 से 1556 तक 10 आक्रमण हुए जिनका प्रतिरोध राजा रण विजय सिंह एवं रानी जया राजकुमारी तथा स्वामी महेश्वरानन्द के नेतृत्व में किया गया अंत में इनकी प्राणाहुति राम मंदिर के लिए हो गई।
अकबर के समय 20 आक्रमण हुए ( सन् 1556 से 1604 ई. ) अकबर ने हिन्दुओं का भीषण प्रतिरोध देखकर एक चबूतरा मस्जिद परिसर के बाहर बनवाकर राम की पूजा को आरंभ कराया।
राम चबूतरे पर राम की पूजा करने सम्बन्धी समझौता अकबर के बाद जहाँगीर (1605-1627 ई.) व शाहजहाँ (1628-1658 ई.) तक यथावत् बना रहा।
औरंगजेब के काल में 30 बार भीषण संघर्ष हुए (1658-1707ई.)
औरंगजेब ने राम चबूतरे को नष्ट करने के लिए दिल्ली से मुगल सेना के 50 हजार सैनिकों को अयोध्या भेजा। संत वैष्णव दास ने गुरु गोविन्द सिंह को आगरा में संदेश भेजा। समाचार पाकर गुरु गोविन्द सिंह आ गए और 50,000 की मुगल सेना को अयोध्या से 35 किमी. पहले ही रुदौली में हिन्दू सेना से पराजित होना पड़ा। दूसरा संग्राम अयोध्या से 10 किमी. पहले सआदतगंज के पास हुआ जिसमें सिख सेना ने मुगल सेना की तोपें छीनकर उन्हीं से मुगल सेना को ध्वस्त कर दिया।
आलमगीरनामा में औरंगजेब ने लिखा है कि काफिरों ने 30 हमले किए और शाही फौज हार गई तथा शहजादा मनसबदार हसन अली खान भी इस युद्ध में मारा गया। हिन्दू साधुओं की सेना के शस्त्र और शास्त्र दोनों लिप्त जन ग्रापटाय भी रख संघर्ष में तिमंतता उत्सिगि उछा।
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ajay –
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